तुलसी विवाह आज, घर में तुलसी को रखने के नियम जानिए
अध्यात्म
सोमवार को देव उठनी एकादशी है। आज ही दिन तुलसी विवाह संपन्न किया जाता है। तुलसी विवाह के समय कन्यादान करने से कई यज्ञों का पुण्य प्राप्त होता है। तुलसी पूजा से घर में संपन्नता आती है तथा संतान योग्य बनती है। तुलसी विवाह में तुलसी के पौधे और विष्णु जी की मूर्ति या शालिग्राम पाषाण का पूर्ण वैदिक रूप से विवाह कराया जाता है।
पुराणों में तुलसी जी को विष्णु प्रिया या हरि प्रिया कहा जाता है। विष्णु जी की पूजा में तुलसी की भूमिका होती है। हम सभी के घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। शास्त्रों के मुताबिक, तुलसी को घर में रखने के ये नियम हैं।
वैसे किसी भी दिन तुलसी को तोड़ सकते हैं लेकिन एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
वहीं, सूर्योस्त के बाद भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले स्नान करना आवश्यक है। बिना स्नान किए तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
तुलसी के पौधे में रोजाना सुबह और शाम के समय उसके समीप दीपक अवश्य लगाना चाहिए। इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
कार्तिक के महीने में तो तुलसी की सुबह शाम विशेष पूजा करनी चाहिए।